अंतरात्मा
7:07 AM | Author: rohit

मै प्रेम नही , अधिकार नही , भावुक अस्थिर विचार हूँ

उज्जवल किरण प्रकाश की , जटिल अन्धकार हूँ

भ्रम हूँ , हूँ वास्तविकता , रूप आकार हूँ

सदभाव नही , मैत्री हूँ , क्लेश विकार हूँ


मै अंत-विहीन, मै विष-विहीन, मै द्वार हूँ आत्म निरिक्षण का

मै गुण-विहीन, अश्रु-विहीन, मै साक्ष्य हूँ हर एक क्षण का

मै बल हूँ, गति हूँ, साहस हूँ, मै आत्म-मंथन, मै आत्म-चिंतन

मै पथ विहीन हूँ हर पग पर, पर हर पथ का मै द्वार हूँ


मै प्रेम नही , अधिकार नही , भावुक अस्थिर विचार हूँ

उज्जवल किरण प्रकाश की , जटिल अन्धकार हूँ


मै हृदय रहित, मै द्वेष रहित, मै अज्ञानी विद्वान् हूँ

मिथ्या हूँ, सत्य हूँ, रचना कोई महान हूँ

वेदों का गुणगान हूँ मै, बाइबिल, कुरान हूँ

मै दर्शक हूँ बस मार्ग का एक, नही मार्गदर्शक समान हूँ


मै मुख-विहीन, अस्तित्वहीन, मै स्थिरता का हूँ एक प्रतीक

मै भेष नही संस्कार हूँ बस, मै हर प्रश्न का उत्तर सटीक

विशवास हूँ मै विचारों का, मै पराकाष्ठा हूँ प्रश्नों की

मै आत्मा की भाषा हूँ, भावनाओं का सम्मान हूँ


वेदों का गुणगान हूँ मै, बाइबिल, कुरान हूँ

मै दर्शक हूँ बस मार्ग का एक, नही मार्गदर्शक समान हूँ

song of black
2:40 PM | Author: rohit
ढूंढ़ते हैं सब रौशनी को क्यो?
देखते हैं क्यो बंद आँखों से यूँ?
रात है, बिजलियाँ है.
देखो कैसा ये समा है.
जी रहे हैं सोच के.
अपनी साँसे रोक के,
इतना सवेरा है क्यो...
when future is black.....


रहते क्यो हो इस सन्नाटे में.
जिसमे चीखे हैं हर एक राह में.
खुल के देखो इस दुनिया को.
बदल दो वो रोके जो.
हर घड़ी एक आह है.
पर सब के मन में ये चाह है,
इतना सवेरा है क्यो...
when future is black....


जिस समय में हैं हम सभी.
उसमे है कितनी कमी.
आसमान क्यो झुका सा है?
जीना बिल्कुल रुका सा है.
फ़िर भी क्यो बैठे हैं हम सोच के?
भुला दो ये पंगे सभी रोज के.
दिखा दो के जीना है क्या....
future is black.