ढूंढ़ते हैं सब रौशनी को क्यो?
देखते हैं क्यो बंद आँखों से यूँ?
रात है, बिजलियाँ है.
देखो कैसा ये समा है.
जी रहे हैं सोच के.
अपनी साँसे रोक के,
इतना सवेरा है क्यो...
when future is black.....
रहते क्यो हो इस सन्नाटे में.
जिसमे चीखे हैं हर एक राह में.
खुल के देखो इस दुनिया को.
बदल दो वो रोके जो.
हर घड़ी एक आह है.
पर सब के मन में ये चाह है,
इतना सवेरा है क्यो...
when future is black....
जिस समय में हैं हम सभी.
उसमे है कितनी कमी.
आसमान क्यो झुका सा है?
जीना बिल्कुल रुका सा है.
फ़िर भी क्यो बैठे हैं हम सोच के?
भुला दो ये पंगे सभी रोज के.
दिखा दो के जीना है क्या....
future is black.
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