कुछ लव्ज़ अगर मिल जाएँ, एक लम्हा फिर से जी लूँ मै.

हर वृक्ष को जीवित कर दूँ, हर पत्ते को साँसे दे दूँ,
हर रिश्ते को दिल से छू लूँ, हर अपने को बाहें दे दूँ,
कुछ हाथ अगर मिल जाएँ, फिर पग पे अपने डग भर लूँ मै,
कागज़ के कोरे पन्नो पर, फिर जीवन को रस से भर लूँ मै.
कुछ लव्ज़ अगर मिल जाएँ, एक लम्हा फिर से जी लूँ मै.

हर नाम को एक मुख मै दे दूँ, हर मन को एक भाषा दे दूँ,
फिर लिख दूँ लक्ष्य कुछ ऊँचे से, जीवन को अभिलाषा दे दूँ,
कुछ हृदय अगर मिल जाएँ, फिर खुद में साँसे भर लूँ मै.
केवल कुछ शब्दों के जरिये, जीवन को अमर कर लूँ मै.
कुछ लव्ज़ अगर मिल जाएँ, एक लम्हा फिर से जी लूँ मै.
This entry was posted on 1:27 PM and is filed under . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0 feed. You can leave a response, or trackback from your own site.

3 comments:

On August 1, 2009 at 12:25 PM , Abhishek Vyas said...

Just read out this with full emotions someday it will create a charisma ..

 
On August 2, 2009 at 2:41 PM , rohit said...

thank you very much vyas bhai... compliment from you means a lot buddy...

 
On August 12, 2009 at 2:03 AM , meha said...

one of ur best so far...